Travel Tips- दुनिया के इन स्थानों पर आज भी मौजूद हैं हनुमान जी, जानिए इनके बारे में
- byJitendra
- 11 Jul, 2025

By Jitendra Jangid- दोस्तो हिंदू धर्म और ग्रंथों में बताया गया हैं कि भगवान हनुमान चिरंजीवियों में से एक हैं जो अमर प्राणी हैं, कलियुग के अंत तक पृथ्वी पर निवास करेंगे। हनुमान जी आज भी हमारे बीच विद्यमान हैं और भगवान विष्णु के अंतिम अवतार, कल्कि के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हनुमान जी पृथ्वी पर कुछ पवित्र स्थानों पर निवास करते हैं,आइए जानते हैं इन स्थानों के बारे में-

1. चित्रकूट (उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश)
रामचरितमानस के अनुसार, चित्रकूट वह स्थान है जहाँ हनुमान जी ने अपने वनवास के दौरान भगवान राम से पहली बार मुलाकात की थी।
इस क्षेत्र की गुफाओं, जंगलों और मंदिरों में आज भी उनकी उपस्थिति महसूस की जाती है।
चित्रकूट में भक्ति की ऊर्जा प्रबल है, जो दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करती है।
2. गंधमादन पर्वत (हिमालय)
संजीवनी बूटी लाने के बाद हनुमान जी ने यहीं तपस्या की थी।
यह स्थान अत्यंत रहस्यमय और आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली माना जाता है।
अपने दुर्गम भूभाग के कारण, यह अधिकांशतः अछूता है।
3. जगन्नाथ पुरी (ओडिशा)
बड़े हनुमान मंदिर के पास, हनुमान जी भगवान जगन्नाथ की रक्षा के लिए स्थायी रूप से निवास करते हैं।
यह मंदिर जगन्नाथ मंदिर के निकट स्थित है और इस क्षेत्र में आने वाले भक्तों के लिए एक प्रमुख पड़ाव है।

4. सालासर बालाजी (राजस्थान)
सालासर स्थित बालाजी मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों में से एक है।
भक्तों का मानना है कि हनुमान जी यहाँ जीवित रूप में विराजमान हैं और श्रद्धा से आने वालों की मनोकामनाएँ पूरी करते हैं।
5. हनुमान धारा, चित्रकूट
यह हनुमान जी को समर्पित एक पवित्र जलधारा है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, लंका दहन के बाद हनुमान जी का शरीर अत्यधिक गर्म हो गया था और उन्होंने इसी जलधारा में स्वयं को शीतल किया था। इस स्थान से आज भी शक्तिशाली आध्यात्मिक ऊर्जा प्रवाहित होती है।
6. लक्ष्मणपुरी (लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
लखनऊ स्थित अलीगंज हनुमान मंदिर नवाबों के काल का बताया जाता है। हनुमान जी यहाँ भक्तों की रक्षा करते हैं और यह मंदिर कई चमत्कारी घटनाओं के लिए जाना जाता है।
7. रामेश्वरम (तमिलनाडु)
इस स्थान से भगवान राम की लंका यात्रा में हनुमान जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भक्त आज भी रामेश्वरम के तटों और मंदिर परिसर में उनकी उपस्थिति का अनुभव करने का दावा करते हैं।